भारत में लाखों किसान ऐसे हैं जो खेती के साथ-साथ पशुपालन करके अपना और अपने परिवार का गुज़ारा करते हैं। गाय, भैंस, बकरी, बैल जैसे पालतू जानवर उनके लिए सिर्फ जानवर नहीं होते – ये उनके परिवार का हिस्सा होते हैं और उनकी कमाई का मुख्य साधन भी। लेकिन जब कोई पशु अचानक बीमार होकर मर जाए या किसी दुर्घटना में जान चली जाए, तो किसान पर दुख के साथ-साथ आर्थिक बोझ भी टूट पड़ता है।
इन्हीं मुश्किलों को ध्यान में रखकर सरकार ने एक बेहद उपयोगी योजना शुरू की है — मांगला पशु बीमा योजना। इस योजना का मकसद यह है कि अगर किसी किसान का पशु किसी भी कारण से मर जाए, तो उसे आर्थिक सहायता दी जा सके ताकि वह दोबारा अपने जीवन को संभाल सके।
चलिए अब जानते हैं इस योजना के कुछ अहम फायदे –
1. पशुओं के नुकसान पर आर्थिक सहायता
अगर किसी किसान की गाय, भैंस, बकरी, भेड़, ऊंट या अन्य बीमाकृत जानवर की मृत्यु हो जाती है — चाहे बीमारी से हो या दुर्घटना से — तो सरकार उसके बदले बीमा राशि देती है। यह राशि 30,000 से लेकर 1 लाख रुपये तक हो सकती है, जो पशु के प्रकार और बीमा मूल्य पर निर्भर करती है।
2. कम प्रीमियम, ज़्यादा सुरक्षा
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसान को बहुत कम प्रीमियम (₹100–₹500 प्रति पशु) देना होता है, लेकिन बदले में उसे कई गुना ज़्यादा लाभ मिल सकता है। गरीब और छोटे किसानों के लिए तो यह राशि और भी कम या कई बार सरकार द्वारा सब्सिडी के तौर पर दी जाती है।
3. प्राकृतिक आपदा से राहत
बाढ़, सूखा, बिजली गिरना, आग लगना या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में जब जानवरों की जान चली जाती है, तब भी यह योजना काम आती है। ऐसे मामलों में भी बीमा के तहत क्लेम मिल सकता है।
4. टैगिंग और पहचान से ट्रैकिंग आसान
बीमा करवाने के समय पशु की फोटो खींची जाती है, और उसे कान में टैग लगाया जाता है। इससे यह प्रमाणित हो जाता है कि वही पशु बीमाकृत था। इससे क्लेम प्रोसेस जल्दी और पारदर्शी तरीके से होता है।
5. आत्मनिर्भरता और मनोबल में वृद्धि
जब किसान को यह भरोसा होता है कि उसके पशु बीमाकृत हैं, तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता है। वह बिना डर के पशुपालन करता है और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने की कोशिश करता है।
आवेदन कैसे करें?
मांगला पशु बीमा योजना का लाभ लेने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:
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अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय या CSC केंद्र पर जाएं।
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अपने जानवर को दिखाकर उसकी स्वास्थ्य जांच करवाएं।
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पशु का फोटोग्राफ खिंचवाएं और टैगिंग कराएं।
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आवश्यक दस्तावेज जैसे – आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पशु की फोटो आदि जमा करें।
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निर्धारित प्रीमियम राशि जमा करें।
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बीमा सर्टिफिकेट प्राप्त करें।
कुछ राज्यों में अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल्स या मोबाइल ऐप्स के ज़रिए भी की जा सकती है।
किन पशुओं का बीमा हो सकता है?
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गाय
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भैंस
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बकरी
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भेड़
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ऊंट
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घोड़ा
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खच्चर
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सुअर (कुछ राज्यों में)
ध्यान दें कि बीमा कराने के लिए पशु की उम्र, स्वास्थ्य और उपयोगिता का ध्यान रखा जाता है।
जरूरी बातें जो आपको जाननी चाहिए
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बीमा की अवधि 1 से 3 साल तक हो सकती है।
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बीमा राशि का भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में DBT के ज़रिए किया जाता है।
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मौत की स्थिति में 24 से 48 घंटे के अंदर सूचना देना जरूरी है, नहीं तो क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट या पशु चिकित्सक का सर्टिफिकेट क्लेम के लिए अनिवार्य है।
निष्कर्ष
मांगला पशु बीमा योजना एक ऐसी पहल है जो ग्रामीण किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जब जानवरों का बीमा होता है, तो किसान न सिर्फ मानसिक रूप से मजबूत होता है, बल्कि उसे वित्तीय सुरक्षा भी मिलती है। अगर आपने अभी तक अपने पशुओं का बीमा नहीं कराया है, तो आज ही पहल करें। यह छोटा-सा कदम आपके भविष्य को सुरक्षित बना सकता है।