मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा अनाथ, बेसहारा और माता-पिता से वंचित बच्चों को आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और शिक्षा व जीवन में आगे बढ़ने का अवसर पा सकें। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी बच्चों को प्रति माह ₹5000 तक की आर्थिक मदद, पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप, और रोजगार/स्वरोजगार के लिए विशेष सहयोग दिया जाता है। बाल संरक्षण, पुनर्वास और समाज में सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह योजना बेहद अहम मानी जाती है।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना उन बच्चों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है जो माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो चुके हैं और जिनके पास स्थायी संरक्षण या आय का साधन नहीं है। योजना की शुरुआत बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा का अधिकार देने के उद्देश्य से की गई थी।
इस योजना के अंतर्गत बच्चों को निम्नलिखित सहायता दी जाती है:
-
₹5000 प्रति माह की वित्तीय सहायता जब तक कि बच्चा 18 वर्ष की आयु तक न पहुंच जाए या पुनर्वास के योग्य न हो जाए
-
शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति, जैसे स्कूल व कॉलेज की फीस, किताबें, यूनिफॉर्म आदि
-
आवास की सुविधा यदि बच्चा बाल गृह या किसी देखरेख संस्था में रह रहा हो
-
स्वास्थ्य बीमा और मुफ्त चिकित्सा सुविधा
-
स्वरोजगार या स्किल ट्रेनिंग के लिए विशेष सहायता (18 वर्ष के बाद)
-
काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक सहायता ताकि बच्चा भावनात्मक रूप से मजबूत बन सके
पात्रता मानदंड
-
बच्चा अनाथ हो यानी माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी हो
-
या फिर अभिभावक असमर्थ हों बच्चे की देखभाल करने में (अविवाहित माँ, जेल में माता-पिता, मानसिक रूप से अस्थिर अभिभावक आदि)
-
बच्चे की उम्र 0 से 18 वर्ष के बीच हो
-
बच्चा किसी पंजीकृत बाल गृह, NGO या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त देखरेख संस्था में रह रहा हो
-
बच्चे के पास संबंधित विभाग से जारी प्रमाणपत्र या अनुमोदन होना चाहिए
आवश्यक दस्तावेज
-
बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र
-
माता-पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो)
-
आधार कार्ड या जनाधार कार्ड
-
पासपोर्ट साइज फोटो
-
जिस संस्था/संरक्षक के पास बच्चा है, उसका पहचान पत्र या प्रमाण पत्र
-
बैंक खाता विवरण (यदि 14+ आयु का बच्चा हो)
-
स्कूल प्रमाण पत्र (यदि बच्चा स्कूल में पढ़ रहा हो)
आवेदन प्रक्रिया
-
सबसे पहले जिला बाल संरक्षण कार्यालय (District Child Protection Unit – DCPU) में संपर्क करें
-
वहां से मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना फॉर्म प्राप्त करें
-
फॉर्म को सावधानीपूर्वक भरें और सभी दस्तावेज संलग्न करें
-
आवेदन को संबंधित बाल कल्याण समिति (CWC) के सामने प्रस्तुत किया जाएगा
-
CWC द्वारा जांच व स्वीकृति के बाद बच्चे को योजना में शामिल किया जाएगा
कुछ राज्यों में यह आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी उपलब्ध है, जैसे:
-
https://www.wcd.rajasthan.gov.in (यदि राजस्थान की बात करें)
-
https://mpwcdmis.gov.in (मध्य प्रदेश में)
-
या राज्य के सामाजिक न्याय विभाग की आधिकारिक वेबसाइट
योजना के लाभार्थी को मिलने वाले अतिरिक्त लाभ
-
18 वर्ष के बाद यदि बच्चा उच्च शिक्षा में जाना चाहता है तो उसे हायर एजुकेशन स्कॉलरशिप मिलती है
-
कौशल विकास प्रशिक्षण (Skill Development Training) जैसे सिलाई, कंप्यूटर, फोटोग्राफी, आदि में नामांकन करवाया जाता है
-
स्वरोजगार हेतु ₹50,000 तक की एकमुश्त सहायता दी जा सकती है
-
अगर बच्चा किसी रोजगार में जाना चाहता है तो प्रेरणा सहायता योजना से जोड़ा जाता है
-
शादी की स्थिति में लड़की को विशेष विवाह अनुदान भी मिलता है (कुछ राज्यों में)
योजना का उद्देश्य
-
अनाथ बच्चों को सुरक्षित जीवन और समान अवसर देना
-
शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और सम्मानजनक जीवन की गारंटी
-
बच्चों को बाल श्रम, शोषण और अपराध से बचाना
-
उन्हें स्वावलंबी नागरिक के रूप में तैयार करना
योजना का प्रभाव
इस योजना से अब तक हजारों बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। जिन बच्चों का कोई सहारा नहीं था, अब उन्हें सरकार की तरफ से नियमित आर्थिक सहायता मिल रही है। यह योजना उन्हें पढ़ाई जारी रखने और समाज में आत्मविश्वास से खड़े होने का हक देती है।